Tuesday, May 1, 2012

खेळ मांडला


तुझ्या  पायरिशी कुणी  सान थोर  नाही 
साद  सुन्या  काळजाची  तुझ्या  कानी  जाई हे ..
तरी  देवा  सारा  ना ह्यो  भोग  कशा  पायी 
हरवली  वाट दिशा  अंधारल्या  धाई
वावाळूनी  उधळतो  जीव  माया  बापा
वणवा  ह्यो  उरी  पेटला!!
खेळ  मांडला
खेळ  मांडला 
खेळ  मांडला ..
देवा ..खेळ  मांडला....
सांडली  ग  रीत  भात  घेतला  वसा  तुझा  
तूच  वाट  दाखीव  घ्या  खेळ  मांडला  दावी  देवा  
पैल  पार  पाठीशी  तू  रहा  उभा  
ह्यो  तुझ्याच   उंबऱ्यात   खेळ  मांडला !!!
हे ..
उसवल   गण  गोत सारा  आधार   कोणाचा    न्हाई   
भेगालाल्या  भुई  परी  जीणं  
अंगार   जीवाला  जाळी  
बळ  दे   झुंजायला   किरपेची   ढाल   दे  
इनविती  पंचप्राण   जेव्हरात  ताल  दे 
करपल  रान  देवा  
जळल  शिवार  
तरी  न्हाई  धीर  सांडला !
खेळ  मांडला देवा खेळ मांडला 
सिनेमा - नटरंग 
लेखक - गुरु ठाकूर
संगीत - अजय - अतुल 


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